जब से झम-झम सी बारिस शुरू हो गई |
जब से झम-झम सी बारिस शुरू हो गई,
कोई दीवाना हुआ, कोई दीवानी हुई,
कलियाँ खिलने लगी, रुत सुहानी हुई,
ये धरती फिर सज-धज के रानी हुई |
जब से झम-झम सी बारिस शुरू हो गई |
खेतों के मेंढ़ पर एक नई हरयाली जगी,
फसलें लहलहाने लगी, नदियाँ गाने लगी,
और बहने सुहानी फिर ये हवाएँ लगी |
जब से झम-झम सी बारिस शुरू हो गई |
ये धरा नम हो गई, गर्मियाँ कम हो गयी,
मोरनी झूमने लगी, कोयलें गाने लगी,
कीट-पतंगें भी सुर में गुनगुनाने लगी |
जब से झम-झम सी बारिस शुरू हो गई |
सब मस्ताना हुआ, दिल दीवाना हुआ,
नजरें मिलने लगी, धड़कनें बढ़ने लगी,
और एक नशा प्रेम की सबपे छाने लगी |
जब से झम-झम सी बारिस शुरू हो गई |
पायलें छनकने लगी, चूड़ियाँ खनकने लगी,
एक नई धुन में यौवन थिड़कने-गाने लगी,
बुझी आशाओं की दीप फिर जगमगाने लगी |
जब से झम-झम सी बारिस शुरू हो गई |
जब से झम-झम सी बारिस शुरू हो गई,
कोई दीवाना हुआ, कोई दीवानी हुई,
कलियाँ खिलने लगी, रुत सुहानी हुई,
ये धरती फिर सज-धज के रानी हुई |
जब से झम-झम सी बारिस शुरू हो गई |
~By Chandan Singh
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