भीड़ थी पर हम अकेले थे

भरा पूरा था हर एक सपना
मस्त मौला था यौवन अपना
टूटा एक दिन ऐसे टूटा
लगा जैसे किस्मत ही फूटा
टूटे सहमे आंख गीले थे
भीड़ थी पर हम अकेले थे

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