जीत की चाहत

अभी जिंदा है, अभी जिंदा है, जीत की चाहत मेरी |

बचपन भी मुझमें जिंदा है, यौवन भी अभी जिंदा है |
हाँ जिंदा है, हाँ जिंदा है, लड़कपन मेरी, शरारत मेरी |
अभी जिंदा है, अभी जिंदा है, जीत की चाहत मेरी |

हर स्वप्न मुझमें जिंदा है, हर प्रश्न मुझमें जिंदा है |
हाँ जिंदा है, हाँ जिंदा है, मकसद मेरी, मन्नत मेरी |
अभी जिंदा है, अभी जिंदा है, जीत की चाहत मेरी |

अभी खेल मुझमें जिंदा है, वो खेलाड़ी भी अभी जिंदा है |
हाँ जिंदा है, हाँ जिंदा है, हर जिद मेरी, जरूरत मेरी |
अभी जिंदा है, अभी जिंदा है, जीत की चाहत मेरी |

हर प्रीत मुझमें जिंदा है, हर प्रेम भी अभी जिंदा है |
हाँ जिंदा है, हाँ जिंदा है, नजाकत मेरी, मुहब्बत मेरी |
अभी जिंदा है, अभी जिंदा है, जीत की चाहत मेरी |

हार भी मुझमें जिंदा है, नफ़रत भी मुझमें जिंदा है |
हाँ जिंदा है, हाँ जिंदा है, हर हार से नफरत मेरी |
अभी जिंदा है, अभी जिंदा है, जीत की चाहत मेरी |

मुझमें धार भी अभी जिंदा है, जज्बा भी मुझमें जिंदा है |
हाँ जिंदा है, हाँ जिंदा है, हर चोट मेरी, हर दर्द मेरी |
अभी जिंदा है, अभी जिंदा है, जीत की चाहत मेरी |

हर याद मुझमें जिंदा है, हर बात मुझमें जिंदा है |
हाँ जिंदा है, हाँ जिंदा है, आलिंगन की चाहत मेरी |
अभी जिंदा है, अभी जिंदा है, जीत की चाहत मेरी |

मुझमें संगीत भी जिंदा है, गीत भी मुझमें जिंदा है |
हाँ जिंदा है, हाँ जिंदा है, इश्क मेरी, चाहत मेरी |
अभी जिंदा है, अभी जिंदा है, जीत की चाहत मेरी |

इंसान मुझमें जिंदा है, ईमान भी अभी जिंदा है |
हाँ जिंदा है, हाँ जिंदा है, ज्ञान मेरी, आत्म-सम्मान मेरी |
अभी जिंदा है, अभी जिंदा है, जीत की चाहत मेरी |

मुझमें धर्म भी अभी जिंदा है, मानव-धर्म भी जिंदा है |
हाँ जिंदा है, हाँ जिंदा है, ईश्वर में हर आस्था मेरी |
अभी जिंदा है, अभी जिंदा है, जीत की चाहत मेरी |

हर विश्वास मुझमें जिंदा है, हर एहसास मुझमें जिंदा है |
हाँ जिंदा है, हाँ जिंदा है, हर रिश्तों से बंधन मेरी |
अभी जिंदा है, अभी जिंदा है, जीत की चाहत मेरी |

मुझमें हर आश अभी जिंदा है, उम्मीद भी मुझमें जिंदा है |
हाँ जिंदा है, हाँ जिंदा है, लोकतंत्र में हर आस्था मेरी |
अभी जिंदा है, अभी जिंदा है, जीत की चाहत मेरी |
हाँ जिंदा है, हाँ जिंदा है, मकसद मेरी, चाहत मेरी |

                     By  Chandan Kumar Singh
                        चन्दन कुमार सिंह

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