कभी ना मन घबराना ।
जीवन के धूप छांव में,
किसी की कुंठा कांव-कांव में,
कभी ना मन घबराना,
कभी ना मन घबराना,
वक्त आएगा पाएगा सब,
जो तूने ठाना ।
कभी मन तुझे प्यार मिलेगा,
ना सोचा वो सत्कार मिलेगा,
कुछ अग्रज कुछ यार मिलेगा,
तब तुम सिमट बस जाना
वक्त आएगा तभी पाएगा
जो तूने ठाना ।
कभी मन तुझे वार मिलेगा,
जीत से ज्यादा हार मिलेगा,
कटु वचन, तकरार मिलेगा,
तब ना मन घबराना
वक्त आएगा पाएगा सब
जो तूने ठाना ।
सत्य कर्म के पथ पर चलना,
पथिकों की ना चिंता करना,
कांटो के राहों पर चलकर,
जीवन-जीत का सार मिलेगा,
बस मन तू ना घबराना
वक्त आएगा पाएगा सब
जो तूने ठाना ।
रचनाकार - चंदन कुमार सिंह
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