शुभ रक्षाबंधन
प्रेम भरा ये रिश्ता सदा बेशक हो,
माथे पे फेर हाथ प्रेम-आशीष लुटाना,
गर दूर भी रहना तो भी साथ निभाना,
कच्चे धागे का ये बंधन टूटे ना कभी,
साथ ये तेरा मेरा छूटे ना कभी,
सुनी रहे ना कभी, मेरी ये कलाई,
तू मेरी बहन सोनी, चंदन तेरा भाई,
बड़ी हो तुम सदा बड़कपन दिखाना,
छोटी-छोटी बातों को दिल से ना लगाना,
मेरी जो बातें कोई पीड़ा दे तुमको,
संकोच ना करना कभी मुझे तुम बताना,
रूठू जो कभी मैं तो आ के मनाना,
बहन हो तो बहन का हक तुम जताना,
जब-जब पीड़ाऔं मैं, मुझे तुम पाना,
थोड़ा बांट लेना आके, गले से लगाना,
थोड़ा जो बचपना मुझमें है बाकी,
उसको जिंदा रखना बांध के राखी,
सुनी रहे ना कभी मेरी ये कलाई,
तू मेरी बहन सोनी, चंदन तेरा भाई,
तेरे प्यार पे थोड़ा सा, मेरा भी हक हो,
प्रेम भरा ये रिश्ता, सदा बेशक हो।
प्रेम भरा ये रिश्ता, सदा बेशक हो।
By Chandan Kumar Singh
Dedicated to Soni Singh
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